दिल के दर्द को शब्दों में डाला नही गया गम के आँसूओं को आखों से निकाला नही गया उसने मुझे दर्द इसलिए दिया क्योंकि उससे मेरा प्यार संभाला नही गया
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वो सागर नही आँसू थे मेरे जिस पर वो कस्ती चलाते रहे मंजिल मिले उन्हे ये आरजू थी हमारी इसलिए हम आँसू बहाते रहे
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एक लहर को प्यार था किनारे से पर उसकी शादी हो गई सागर से किनारे की प्रीत लहर को खींच लाती है पर बदनाम न हो मुहब्बत इसलिए वो लौट जाती है
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हम मुहब्बत की नुमाईस नही करते शब्दों की बेमाईस नही करते जिसे चाहते है दिल से दिल से चाहते है बदले में चाहने की ख्वाईस नही करते
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बडा अरमान था तेरे प्यार को पाने का शिकवा है सिर्फ तेरे खामोश रह जाने का दिवानगी इससे बढकर क्या होगी की इंतजार है आज भी तेरे आने का
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जब बादलों से गिरा मौसम बरस पड़ने को होता है
हरे रंग क पत्तों पर लाल लाल फूल जब खिल खिल के मुस्कुराते हैं वो सच मे बहुत याद आते हैं
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वर्षो गुजर गये रोकर नही देखा इन आखोओं को आँसूओं से धोकर नही देखा वो क्या जाने प्यार क्या चीज है जिसने कभी किसी को खोकर नही देखा
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कत्ल करके तो सब ले जायेगें दिल मेरा कोई बातों से ले जाये तो क्या बात हो जिन्दा रहने तक तो खुशी दोंगा सबको किसी को मेरी मौत पर खुशी मिल जाय तो क्या बात हो
Nice Line
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