घर पर न सही पर, ऑफिस में खुश हूँ,
आज पनीर नहीं है, दाल में ही खुश हूँ!
आज गाडी चलाने का वक्त नहीं, पैदल चलके खुश हूँ,
एक आलिशान बंगला नहीं, एक छोटे से कमरे में खुश हूँ!
होटल में खाना खाने के पैसे नहीं, घर पे बना के खुश हूँ,
आज दोस्तों का साथ नहीं, बुक्स पढके ही खुश हूँ!
आज कोई नाराज है, उसके इस अंदाज में भी खुश हूँ,
जिसको देख नहीं सकता उसकी आवाज में खुश हूँ!
बीता हुआ कल चला गया, उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ,
आने वाले पल का पता नहीं, ख़्वाबों में ही खुश हूँ!
आज पनीर नहीं है, दाल में ही खुश हूँ!
आज गाडी चलाने का वक्त नहीं, पैदल चलके खुश हूँ,
एक आलिशान बंगला नहीं, एक छोटे से कमरे में खुश हूँ!
होटल में खाना खाने के पैसे नहीं, घर पे बना के खुश हूँ,
आज दोस्तों का साथ नहीं, बुक्स पढके ही खुश हूँ!
आज कोई नाराज है, उसके इस अंदाज में भी खुश हूँ,
जिसको देख नहीं सकता उसकी आवाज में खुश हूँ!
बीता हुआ कल चला गया, उसकी मीठी याद में ही खुश हूँ,
आने वाले पल का पता नहीं, ख़्वाबों में ही खुश हूँ!
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